सत्तारूढ़ हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेतृत्व वाली सरकार की नीतियों ने हाशिए के समुदायों, सरकार की आलोचना करने वालों, और धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानो पर अधिकाधिक दवाब डाला है. अगस्त 2019 में, सरकार ने भारत के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य जम्मू और कश्मीर की संवैधानिक स्वायत्तता रद्द कर इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया, मनमाने ढंग से कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया और इंटरनेट प्रतिबंधित कर दिया. साल 2019 के अंत में प्रस्तावित नागरिकता सत्यापन प्रक्रिया, जो दिसंबर 2019 में लागू भेदभावपूर्ण नागरिकता कानून संशोधनों के साथ मिलकर लाखों मुस्लिमों को राज्यविहीन कर सकता है, को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हुए. सरकार द्वारा आतंकवाद निरोधी और राजद्रोह जैसे कठोर कानूनों के तहत कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और अन्य अमनपसंद आलोचकों को गिरफ्तार करना जारी है, लेकिन वह अक्सर हिंसा भड़काने वाले भाजपा समर्थकों या भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहती है. कोविड-19 महामारी ने भारत में हाशिए की विशाल आबादी की सेहत और खुशहाली के समक्ष गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है.

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