Skip to main content

रत्नावली राय, भारत

असाधारण सक्रियता के लिए 2016 में एलिसन देस फोर्ज्स पुरस्कार प्राप्तकर्ता

ह्यूमन राइट्स वॉच का एलिसन देस फोर्ज्स पुरस्कार दूसरों की गरिमा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी जान की बाज़ी लगाने वाले लोगों के शौर्य की सराहना करता है। ह्यूमन राइट्स वॉच एक ऐसे संसार की रचना करने के लिए इन बहादुर कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर काम करता है जिसमें लोग हिंसा, भेदभाव, और उत्पीड़न से मुक्त रहेंगे। 

दो दशकों से अधिक समय से, रत्नावली राय भारत में विकलांग लोमनोसामाजिक गों (मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति) के अधिकारों की एक प्रमुख वकील हैं, जिनमें से हजारों लोग सरकारी संस्थानों में काम करते हैं जहां वे अक्सर बंद दरवाजे के पीछे दुरुपयोग सहते हैं। राय, जिन्होंने अपने मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति के कारण इस कलंक, भेदभाव और खतरों का सामना किया है, वे इसे बदलने के लिए काम कर रही हैं।


प्रतिबद्ध सामाजिक कार्यकर्ताओं के परिवार में जन्मी, राय ने कोलकाता और पश्चिम बंगाल में अधिकारहीन समुदायों के साथ काम किया। 1997 में एक बार तबीयत ख़राब होने के बाद उनके नियोक्ता ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया। सरकारी मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों में बदलाव के लिए दबाव बनाने के लिए उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभव का इस्तेमाल किया, इसमें शामिल है उन्हें भयभीत करने के लिए संघ आयोजकों द्वारा गलत तरीके से एक मानसिक अस्पताल में बंद करना। 2000 में, राय ने अंजलि नामक एक छोटे से गैर सरकारी संगठन की नींव डाली जो सरकारी संस्थानों में रहने वाले मनोसामाजिक विकलांग लोगों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करता है। अंजलि ने व्यवस्थागत परिवर्तन के लिए अपनी अभिनव रणनीतियों के लिए व्यापक मान्यता प्राप्त की जिसमें शामिल है पश्चिम बंगाल में सहमति के बिना एकान्त कारावास और इलेक्ट्रिक शॉक चिकित्सा के उपयोग को

मनोसामाजिक विकलांग लोगों के साथ अक्सर दुर्व्यवहार किया जाता है और वे खामोश रहते हैं, लेकिन मैं चुप रहने से इंकार करती हूँ। मेरा काम लोगों को अपनी मानवता पुनः प्राप्त करने में मदद करना है
रत्नावली राय, भारत

असाधारण सक्रियता के लिए 2016 में एलिसन देस फोर्ज्स पुरस्कार प्राप्तकर्ता

सफलतापूर्वक चुनौती देना। इसके अतिरिक्त, राय ने मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति वाले लोगों को न्याय दिलाने के लिए एक राष्ट्रीय सहयोग की सह-स्थापना की। राय और उनका संगठन भारत में विकलांग महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों पर काम में ह्यूमन राइट्स वॉच के महत्वपूर्ण भागीदार हैं। अपने कैरियर के दौरान, उन्हें गंभीर कलंक के कारण काफी प्रतिरोध और विरोध का सामना करना पड़ा जो भारत में मनोसामाजिक विकलांगों को चारों ओर से घेरे है, लेकिन फिर भी व्याकुल हुए बिना उन्होंने अपना काम जारी रखा है।


ह्यूमन राइट्स वॉच भारत को अधिकार आधारित मानसिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की ओर ले जाने की दिशा में किए जाने वाले संघर्ष - अक्सर बहुत ज्यादा व्यक्तिगत जोखिम उठाते हुए किए जाने वाले संघर्ष - का नेतृत्व करने के लिए रत्नावली का सम्मान करता है।

GIVING TUESDAY MATCH EXTENDED:

Did you miss Giving Tuesday? Our special 3X match has been EXTENDED through Friday at midnight. Your gift will now go three times further to help HRW investigate violations, expose what's happening on the ground and push for change.