भारत: जम्मू और कश्मीर में उत्पीड़न जारी

(न्यूयॉर्क, 4 अगस्त, 2020) - ह्यूमन राइट्स वॉच ने आज कहा कि 5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर का संवैधानिक दर्जा रद्द करने के एक साल बाद भारत सरकार ने राज्य के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में कठोर और भेदभावपूर्ण प्रतिबंधों को जारी रखा है.कोविड-19 महामारी ने सरकार द्वारा अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार, और सूचना, स्वास्थ्य देखभाल तथा शिक्षा तक पहुंच पर लगाए गए अनुचित प्रतिबंधों को और घनीभूत किया है. 3 अगस्त, 2020 को सरकार ने संवैधानिक स्वायत्तता रद्द करने के पिछले साल के फैसले के खिलाफ “हिंसक विरोध” रोकने के लिए आवाजाही पर दो दिनों के प्रतिबंध का आदेश जारी किया है.

 

जम्मू-कश्मीर की स्वायत्त संवैधानिक स्थिति रद्द करने और इसे दो केंद्र शासित राज्यों में विभाजित करने के बाद अशांति का पूर्वानुमान लगाते हुए, भारत सरकार ने आवाजाही की आज़ादी पर व्यापक प्रतिबंध लगाए, सार्वजनिक बैठकों पर रोक लगा दी, दूरसंचार सेवाओं और शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया और हजारों लोगों को हिरासत में लिया. हालांकि, बाद के महीनों में सरकार ने प्रतिबंधों में थोड़ी ढील दी, लेकिन अभी भी सैकड़ों लोग बिना किसी आरोप के हिरासत में हैं, सरकार के आलोचकों को गिरफ़्तारी की धमकी दी जाती है और इंटरनेट तक पहुंच सीमित कर दी गई है.

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