Skip to main content

वैश्विक गठबंधन की मांग कि संयुक्त राष्ट्र चीन के मानवाधिकार उत्पीड़नों को संबोधित करे

300 से अधिक संगठनों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय तंत्र विकसित करने की मांग

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय, शनिवार, 28 सितंबर, 2019.     © एपी फोटो/जीना मून

(जिनेवा) - 321 नागरिक समाज समूहों के एक वैश्विक गठबंधन ने आज एक खुले पत्र में कहा कि संयुक्त राष्ट्र को चीन सरकार के मानवाधिकार उल्लंघनों को संबोधित करने के लिए तत्काल एक स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय तंत्र बनाना चाहिए. इस गठबंधन में अजरबैजान से जाम्बिया, मोरक्को से मलेशिया, वियतनाम से वेनेजुएला तक फैले हुए दुनिया भर के 60 से अधिक देशों के समूह शामिल हैं.

पत्र के हस्ताक्षरकर्ताओं ने हांगकांग, तिब्बत और शिनजियांग सहित पूरे चीन में बड़े पैमाने पर हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन को संबोधित करने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने मानवाधिकार रक्षकों को निशाना बनाने; वैश्विक सेंसरशिप और निगरानी; और पर्यावरणीय नुकसान के लिए जिम्मेदार विकास जिसमें अधिकारों के लिए कोई जगह नहीं हो, के साथ-साथ  दुनिया भर में चीन द्वारा अधिकारों के उल्लंघन के प्रभाव को भी उजागर किया.

ह्यूमन राइट्स वॉच के जिनेवा निदेशक जॉन फिशर ने कहा, “संगठनों का यह वैश्विक गठबंधन, संयुक्त राष्ट्र के 50 विशेषज्ञ, और दर्जनों सरकारें संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में चीन के अभयदान वाली स्थिति को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र को चाहिए कि अधिकारों के हनन के लिए चीन को जवाबदेह ठहराए जाने की तेज होती मांग पर कार्रवाई करे.”

समूहों की यह मांग 50 से अधिक संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों के उस अभूतपूर्व बयान के अनुरूप है, जिसमें जून 2020 में उन्होंने चीन सरकार के अधिकारों के गंभीर उल्लंघनों का विस्तृत ब्यौरा दिया था और “चीन में मौलिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए निर्णायक उपायों” की मांग की थी.

इंटरनेशनल सर्विस फॉर ह्यूमन राइट्स, ब्रुसेल्स के संपर्क अधिकारी सराह ब्रुक्स ने कहा, “चीन द्वारा मानवाधिकारों का तिरस्कार अब केवल उसके नागरिकों को ही प्रभावित नहीं करता है - तानाशाहों के लिए इसका समर्थन और अंतरराष्ट्रीय मानकों के पुनर्लेखन के इसके प्रयासों से मानवाधिकारों की रक्षा पहले से कहीं अधिक कठिन होती जा रही है. यह संयुक्त बयान, पहली बार, एक साझा मुद्दे पर अपने समुदायों के लिए संघर्ष कर रहे दुनिया भर के संगठनों को एकजुट करता है.”

अपने बयान में, गठबंधन ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के अधिदेश को विकृत करने के चीन के उन प्रयासों को उजागर किया है जिसमें चीन ने संयुक्त राष्ट्र तंत्र का उपयोग करते हुए  सुधारों हेतु काम करने वाले चीन के कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया है और दुनिया भर के देशों में अधिकारों के गंभीर उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय अपराधों की जांच की पहल का विरोध किया है. चीन अपने यहां मानवाधिकार की स्थितियों पर संयुक्त राष्ट्र की चिंताओं को आम तौर पर “भारी हस्तक्षेप” बताकर खारिज कर देता है.

चायनीज ह्यूमन राइट्स डिफेंडर्स की निदेशक रेनी शिया ने कहा, “चीन ने संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकारों संबंधी कार्यों में सहयोग के लिए मानवाधिकार रक्षकों पर बदले के रूप में यातना, जबरन गुमशुदगी, कारावास और वकीलों से लाइसेंस छीनने जैसी सुनियोजित कार्रवाइयां की हैं. संयुक्त राष्ट्र को अब इस तरह की कार्रवाइयों को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए.”

अधिकार समूहों का यह गठबंधन चीन सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के उल्लंघनों का मूल्यांकन करने के लिए मानवाधिकार परिषद के विशेष सत्र और चीन पर केंद्रित निष्पक्ष और स्वतंत्र संयुक्त राष्ट्र तंत्र के मामले में संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों की मांग का समर्थन करता है. समूहों ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव और मानवाधिकार उच्चायुक्त से आग्रह किया है कि चीन द्वारा अधिकारों के व्यापक उल्लंघनों को वे सार्वजनिक रूप से संबोधित करें.

एमनेस्टी इंटरनेशनल के चीन टीम के प्रमुख जोशुआ रोज़ेन्ज़्वाइग ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अब हाथ-पर-हाथ धरकर नहीं बैठ सकता और चीन सरकार को अपने देश और विदेश में मानवाधिकारों को रौंदने की अनुमति नहीं दे सकता है. निर्णायक कार्रवाई के बिना, अब चीजें केवल बदतर होती जाएंगी. यह फौरी तौर पर जरूरी है कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश मिल कर काम करें और यह सुनिश्चित करें कि बेइजिंग द्वारा किए गए उल्लंघनों की आधिकारिक निगरानी हो और उन पर सार्थक रूप से आपत्ति दर्ज की जाए. किसी भी देश को कानून से ऊपर नहीं होना चाहिए.”

Your tax deductible gift can help stop human rights violations and save lives around the world.

Region / Country