Skip to main content

कतर: प्रवासी निर्माण कामगारों को दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है

सुधार प्रायोजन कानून, कामगारों को विश्व कप बिल्डिंग बूम से बचाएँ

(दोहा, कतर) –ह्यूमन राइट वॉच (Human Rights Watch)ने आज जारी एक रिपोर्ट में बताया कि कतर में दक्षिण एशिया के लाखों  प्रवासी निर्माण कामगारों के ऊपर गंभीर शोषण और दुर्व्यवहार का जोखिम मंडरा रहा है, जिस क्रम में उनसे कई बार जबरन श्रम भी करवाया जाता है। ह्यूमन राइट वॉच ने कहा कि सरकार और अंतर्राष्ट्रीय फ़ुटबॉल संघ के फ़ेडरेशन (FIFA) दोनों को सुनिश्चित करना होगा कि 2022 विश्व कप की तैयारियों के दौरान कामगारों के अधिकारों के सम्मान के प्रति उनकी वचनबद्धता का पूरी तरह से पालन हो रहा है। समूह का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय श्रम मानकों को बनाए रखने के लिए निर्माण ठेकेदारों को भी विशिष्ट, सार्वजनिक प्रतिबद्धताएँ बनानी होंगी।

146-पृष्ठ की रिपोर्ट, “एक बेहतर विश्व कप बनाना: कतर में प्रवासी कामगारों की FIFA 2022 में सुरक्षा करना,”एक ऐसी भर्ती और रोज़गार प्रणाली की जाँच करती है, जो अनेक प्रवासी कामगारों को उनके कार्यों में प्रभावी रूप से फंसा लेती है। उनके सामने आने वाली समस्याओं में बहुत अधिक रोज़गार शुल्क, जिसे चुकाने में कई साल लग जाते हैं, नियोजकों द्वारा नियमित रूप से कामगारों का पासपोर्ट जब्त करना और कतर की ऐसी प्रतिबंधात्मक प्रायोजन प्रणाली शामिल हैं, जो नियोजकों को अपने कर्मचारियों पर अत्यधिक नियंत्रण प्रदान करती है। ह्यूमन राइट वॉच को पता चला कि कामगारों के भारी कर्ज और नियोजक बदलने के संबंध में उन पर लागू प्रतिबंधों के कारण उन्हें अक्सर ऐसे कार्य या कार्य परिस्थितियों को स्वीकार करना पड़ता है, जिन्हें वे अपने देश में कभी स्वीकार नहीं करते, या उन्हें दुर्व्यवहार की परिस्थितियों में काम करने के लिए मज़बूर होना पड़ता है। कामगारों को शिकायतों के बारे में सूचित करने या सुधार का अनुरोध करने में समस्याएँ आती हैं और अक्सर सरकारी अधिकारी इन दुर्व्यवहारों का पता नहीं लगा पाते।

“स्टेडियम के निर्माण में लगे कामगारों को प्रायोजन प्रणाली समाप्त करने के कतर के सामान्य वादे से कोई लाभ नहीं होगा: FIFA खेलों की शुरुआत होने से पहले उन्हें ऐसा करने की एक समय-सीमा की आवश्यकता है,”ह्यूमन राइट वॉच की मध्य पूर्व निर्देशक सारा लीह व्हिटसन (Sarah Leah Whitson)का कहना था।“सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि विश्व कप के प्रशंसकों के लिए वह जिन उत्कृष्ट, उच्च-तकनीक स्टेडियम तैयार करने की योजना बना रही है, उनका निर्माण करने वाले कामगारों के साथ दुर्व्यवहार और शोषण न हो।”

ह्यूमन राइट वॉच ने पाया कि खाड़ी क्षेत्र में कतर के प्रायोजन कानून इस मामले में सबसे अधिक प्रतिबंधात्मक हैं कि कामगार अपने नियोजक की अनुमति के बिना अपनी नौकरी नहीं बदल सकते, चाहे उन्होंने दो साल तक काम किया हो या 20 साल तक, और सभी कामगारों के लिए देश छोड़ने से पहले अपने प्रायोजन नियोजक से “निकास अनुमति”पर हस्ताक्षर करवाना भी अनिवार्य है। केवल सऊदी अरब ही एक ऐसा अन्य खाड़ी देश है, जहाँ यह जटिल निकास अनुमति प्रणाली अभी भी कायम है, जबकि अन्य देशों में अब कामगारों को अपना अनुबंध पूरा करने के बाद या अपने पहले नियोजक के साथ दो-से-तीन वर्ष की अवधि तक काम करने के बाद नौकरी बदलने की अनुमति है। मई में उप श्रममंत्री हुसैन अल-मुल्ला (Hussein al-Mulla)ने घोषणा की कि कतर में प्रायोजन प्रणाली के स्थान पर नियोजकों और कर्मचारियों के बीच अनुबंध प्रणाली लागू की जा सकती है, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये अनुबंध किस प्रकार वर्तमान अप्रवासन कानूनों को बदलेंगे या कामगारों को अपनी नौकरियाँ बदलने की अनुमति होगी या नहीं।

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा निःशुल्क संघों को मूल श्रम अधिकार के रूप में मान्यता देने के बावजूद कतर के कानून प्रवासी कामगारों को संघ बनाने या हड़ताल करने की अनुमति नहीं देते। ह्यूमन राइट वॉच ने बताया कि “कामगार संगठन”से संबंधित एक नवीनतम सरकारी प्रस्ताव निःशुल्क संगठन की न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरी नहीं कर सका क्योंकि उसमें निर्णय लेने संबंधी सभी अधिकार कतर नागरिकों तक ही सीमित कर दिए गए थे।

कतर की समग्र श्रमिक संख्या में 94 प्रतिशत प्रवासी कामगार हैं और इस देश में विश्व भर के अन्य देशों के प्रवासियों का अनुपात सबसे अधिक है। 2022 FIFA विश्व कप सॉकर टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए बोली लगाने के दौरान कतर द्वारा किए गए वादे के अनुसार स्टेडियम बनाने और संरचना सुधारों के लिए अगले दशक के दौरान देश में लगभग दस लाख अतिरिक्त प्रवासी निर्माण कामगारों की भर्ती की जा सकती है।

ह्यूमन राइट वॉच ने रिपोर्ट के लिए 73 प्रवासी निर्माण कामगारों का साक्षात्कार लेने के साथ ही सरकारी अधिकारियों, नियोजकों, अनुबंध करने वाली कंपनियों, भर्ती करने वाले एजेंटों, श्रमिक-भेजने वाले देशों के राजनयिकों और कामगारों के अधिवक्ताओं से भी मुलाकात की और संपर्क किया।

कामगारों ने भुगतान न किए गए भत्तों, वेतन में अवैध कटौतियों, भीड़-युक्त और अस्वास्थ्यकर श्रमिक शिविरों तथा असुरक्षित कार्य परिस्थितियों सहित अनेक प्रकार की समस्याएँ गिनाईं। चार को छोड़ कर सभी कामगारों ने बताया कि उन्होंने भर्ती शुल्क के लिए निजी साहूकारों से कर्ज लेकर US$ 726 और $3,651 के बीच का भुगतान किया है और इस कर्ज के लिए उन्हें तीन से पांच प्रतिशत की दर पर प्रति माह या कर्ज पर 100 प्रतिशत की दर पर प्रति वर्ष ब्याज चुकाना पड़ रहा है।

नेपाल के एक 18-वर्षीय निर्माण कामगार हिमाल के.(Himal K.)ने ह्यूमन राइट वॉच को बताया, “हम शिकायत नहीं करते क्योंकि अगर हमने किसी भी बात की शिकायत की, तो कंपनी हमें सजा देगी।” अधिकांश कामगारों ने ह्यूमन राइट वॉच को बताया कि वे अपने नियोजकों या अधिकारियों को किसी भी शिकायत के बाद होने वाले परिणामों से डरते हैं। “यदि मैं भुगतान [मेरा कर्ज] नहीं करूंगा, तो बैंक मेरे परिवार को मेरे घर से बाहर निकाल देगा,”कहते हुए एक 27-वर्षीय बांग्लादेशी कामगार महमूद एन. (Mahmud N.)ने बताया कि भर्ती शुल्क के लिए उसे 270,000 बांग्लादेशी टका (US$ 3,298) का कर्ज लेना पड़ा है।

व्हिटसन ने बताया, “कतर सरकार और निर्माण क्षेत्र की कंपनियों को सुनिश्चित करना होगा कि उब भर्ती शुल्कों का भुगतान ये गरीब कामगार नहीं, बल्कि नियोजक करें।” “जब तक सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अपने कानूनों को सख्ती से लागू नहीं करती कि इन शुल्कों का भुगतान नियोजकों द्वारा किया जा रहा है और इसकी अनदेखी करने वाली कंपनियों पर भारी अर्थदंड लगाया जा रहा है, तब तक यह समस्या समाप्त नहीं होने वाली।”

ह्यूमन राइट वॉच ने बताया कि साक्षात्कार में शामिल अधिकांश कामगारों ने नौकरियाँ पाने के लिए अपने घरों को गिरवी रख दिया या पारिवारिक संपत्ति बेच दी, और इस कारण वे परिस्थितियों पर ध्यान दिए बिना नौकरी करते रहने के लिए मज़बूर हैं। लगभग सभी ने बताया कि नियोजकों ने उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए हैं और कुछ ने यह भी बताया कि उनके नियोजकों ने पासपोर्ट लौटाने का अनुरोध अस्वीकार कर दिया है। ILO के अनुसार पासपोर्ट जब्त करना जबरन मज़दूरी कराने का एक प्रमुख सूचक है, विशेषकर तब, जब कामगारों को धमकियाँ मिलती हों या आर्थिक दंड का भय दिखाया जाता हो, कामगारों को पुलिस के हवाले किया जाता हो, उन्हें काम से निकाल दिया जाता हो या उन्हें कोई दूसरा रोज़गार प्राप्त करने से रोक दिया जाता हो—कतर के निर्माण कामगारों के बीच ये सभी भय व्याप्त हैं।

एक 20-वर्षीय नेपाली कामगार दिनेश पी.(Dinesh P.)ने बताया कि वह और उसकी कंपनी में नियोजित अन्य 15 लोग नौकरी छोड़ कर वापस अपने घर लौटना चाहते हैं, लेकिन उन्हें ऐसा नहीं करने दिया जा रहा। उसने बताया, “हमें लगता है कि हमारे साथ धोखा किया गया था, हमें वह नौकरियाँ नहीं मिलीं, जिसकी हमें उम्मीद थी।” चूंकि अपने प्रायोजक की अनुमति के बिना वे अपनी नौकरियाँ नहीं बदल सकते, इसलिए उसे और उसके सहकर्मियों को अपनी नौकरी जारी रखते हुए उन परिस्थितियों में काम करने के लिए मज़बूर होना पड़ा, जिनके लिए वे तैयार नहीं थे। उसने बताया, “मेरे ऊपर यह कर्ज है, इसलिए मैं काम करता रहूँगा।”

ह्यूमन राइट वॉच को भेजे गए एक पत्र में, श्रम मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि “मंत्रालय को जबरन मज़दूरी करवाने के संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है और कतर में ऐसी किसी चीज़ के होने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि कामगार अपनी इच्छा से कभी भी अपना अनुबंध समाप्त करके अपने देश लौट सकता है और नियोजक उसे उसकी इच्छा के बिना देश में रुकने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।”

व्हिटसन ने बताया, “यह बहुत ही निराशाजनक है कि कतर के कानून और रोज़गार अभ्यासों द्वारा जबरन मज़दूरी कराने की परिस्थिति उत्पन्न करने के बावजूद श्रम मंत्रालय इस समस्या से इनकार कर रहा है।” “जब आपके पास ऐसे हजारों कामगार हों, जो नौकरी छोड़ने से डरते हों और जो केवल अंतिम विकल्प के रूप में शिकायत करते हों, तो अब इस समस्या के समाधान का समय आ चुका है।”

2022 विश्व कप के अनेक प्रमुख अभिनेताओं ने कामगारों के अधिकारों को बनाए रखने के सार्वजनिक वादे किए थे, लेकिन उन्होंने अब तक ह्यूमन राइट वॉच द्वारा अनुरोधित विशिष्ट सार्वजनिक प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं किया। टूर्नामेंट की स्थानीय आयोजन समिति, कतर 2022 की सर्वोच्च समिति और विश्व कप के निर्माण कार्य की निगरानी में सहायता के लिए उसके द्वारा नियुक्त की गई कंपनी, CH2M HILL का कहना है कि वे ऐसे श्रम मानक स्थापित करेंगे, जिनका विश्व कप आयोजन स्थलों के निर्माण के लिए नियुक्त किए गए बिल्डर (भवन-निर्माताओं) और ठेकेदारों को पालन करना होगा।ह्यूमन राइट वॉच के साथ बातचीत में, उन्होंने यह भी कहा कि इन आवश्यकताओं को व्यवस्थित करने के लिए वे अनिवार्य अनुबंध भाषा के उपयोग पर विचार कर रहे हैं। FIFA ने वादा किया हैकि वह कतर सरकार के सामने कामगारों के अधिकारों से संबंधित समस्याएँ उठाएगा।

ह्यूमन राइट वॉच का कहना है कि वे प्रतिबद्धताएँ केवल शुरुआत हैं, अभी अतिरिक्त कदमों की भी आवश्यकता है।FIFA द्वारा 2022 विश्व कप के प्रबंधन के लिए गठित आधिकारिक इकाई, कतर 2022 की सर्वोच्च समिति से आग्रह किया जाना चाहिए कि वह विश्व कप-संबंधी निर्माण कार्य में शामिल निजी ठेकेदारों पर कतर के कानून और अंतर्राष्ट्रीय श्रम मानकों के अनुसार न्यूनतम कर्मचारी मानक निर्धारित करने की आवश्यकता लागू करे। सर्वोच्च समिति द्वारा ठेकेदारों के लिए लागू किसी भी न्यूनतम मानक द्वारा कामगारों के पासपोर्ट को जब्त करने की कार्यवाही पर सख्त प्रतिबंध होना चाहिए और ठेकेदारों पर यह सुनिश्चित करने के लिए यथासंभव कदम उठाने की आवश्यकता लागू की जानी चाहिए कि कामगारों को भर्ती शुल्क न चुकाना पड़े अथवा जिन्होंने उस शुल्क का भुगतान किया है, ठेकेदार उन कामगारों को वह शुल्क अपनी ओर से अदा करे। ह्यूमन राइट वॉच का कहना है कि सर्वोच्च समिति को ठेकेदारों द्वारा कतर के कानून और अंतर्राष्ट्रीय श्रम मानकों के अनुपालन की सार्वजनिक रूप से सूचना देने के लिए स्वतंत्र श्रम निरीक्षकों को भी नियुक्त करना चाहिए। समूह ने निजी ठेकेदारों से भी उनकी परियोजनाओं में शामिल सभी कामगारों के भर्ती शुल्क तथा कामगार के पासपोर्ट सहित उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए सार्वजनिक रूप से कदम उठाने का आग्रह किया।

व्हिटसन ने बताया, “कतर 2022 सर्वोच्च समिति ने कहा है कि उसने श्रम नीतियों के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय श्रम मानकों का अनुपालन करने या उससे भी बेहतर प्रक्रिया लागू करने की योजना बनाई है।” “अंतर्राष्ट्रीय समुदाय उनसे और निर्माण कंपनियों से विशिष्ट, सार्वजनिक और प्रवर्तनीय वचनबद्धताएँ सुनने को उत्सुक है। FIFA को भी कतर में श्रम अधिकारों को बढ़ावा देने के अपने सार्वजनिक वादे के अनुसार ऐसी गतिविधियों को प्रोत्साहित करना चाहिए।”

यह रिपोर्ट कतर के निर्माण उद्योग में कामगार की सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को सामने लाती है। यह निर्माण कामगारों की मौत के बारे में स्थानीय दूतावासों द्वारा सूचित संख्या और सरकार द्वारा सूचित संख्या के बीच की निराशाजनक विसंगतियों को उजागर करती है। उदाहरण के लिए, 2010 में नेपाली दूतावास ने 191 नेपाली कामगारों की मौत की जानकारी दी, और भारतीय दूतावास ने 2012 में अब तक हृदय-गति रुकने के कारण 45 युवा, कम-आय वाले कामगारों की मौत सहित 98 प्रवासियों की मौत की सूचना दी। भारतीय दूतावास के एक प्रवक्ता ने स्थानीय मीडिया को बताया कि हृदय-गति रुकने की इस असामान्य दर के पीछे लू लगना भी एक कारण हो सकता है।

ह्यूमन राइट वॉच को भेजे गए एक और पत्र में, श्रम मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि , “पिछले तीन वर्षों के दौरान, कामगारों की मौत के छः से अधिक मामले सामने नहीं आए हैं। इन मौतों का कारण ऊँचाई से गिरना है।” ह्यूमन राइट वॉच का कहना है कि कंपनियों द्वारा नियमित रूप से कामगारों की मौत और उनकी चोट से संबंधित डेटा प्रकाशित करने की आवश्यकता न होने के कारण पारदर्शिता और जानकारी में इस प्रकार की कमी नज़र आती है।

“जब कतर के अधिकारियों को देश में कामगारों की मौत और उन्हें लगने वाली चोट की दर के बारे में कोई विश्वस्त जानकारी ही नहीं है, तो वे पूरे भरोसे से ऐसी व्यापक परियोजनाओं को कैसे जारी रख सकते हैं?” व्हिटसन का कहना था। “सरकार को सबसे बुनियादी शुरुआत के रूप में यह पता लगा कर इस बात को प्रकाशित करना होगा कि देश में कहाँ, कैसे और कितने कामगारों की मौत हुई या कितनों को चोट लगी।”

Your tax deductible gift can help stop human rights violations and save lives around the world.

Region / Country